प्रयागराज

ओला’ के ठेंगे पर नाचते हैं सम्भागीय परिवहन अधिकारी

प्रयागराज सह संपादक दुर्गा मिश्रा की रिपोर्ट

‘बॉस’ का कमाल है जो ‘ओला’ का बच रहा माल है!
कानपुर। ‘ओला’ कैब कम्पनी अनफिट टैक्सियों द्वारा यात्रा करवाकर एक तरफ जहाँ लोगों की जानमाल से खिलवाड़ कर रही है तो दूसरी ओर सम्भागीय परिवहन कार्यालय के अधिकारियों को भी ठेंगे पर नचा रही है।
बताते चलें कि विगत दिनों कानपुर स्मार्ट सिटी में ओला एप के माध्यम से फर्जीवाड़ा करने का मामला प्रकाश में आया था। इस मामले की खबरें जब अनेक समाचारपत्रों, न्यूजपोर्टलों में प्रकाशित हुई तो एक तरफ जहाँ ओला कैब कम्पनी पर कार्यवाई करने पर कानपुर पुलिस कमिश्नरेट किनारा करते दिखी तो दूसरी तरफ सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) सुधीर कुमार ने मे0 ओला फ्लीट टैक्नोलॉजी प्रा0 लि0, सिविललाइन्स कानपुर नगर को 231 गाड़ियों में अनियमितता पकड़ते हुए ‘‘एक करोड़ इक्यावन लाख उन्नीस हजार दो सौ तैतीस रुपये’’ की नोटिस 26 अप्रैल 2023 को जारी करते हुए 30 अप्रैल 2023 तक जमा करने का समय दिया था, साथ ही हिदायत दी थी कि 30 अप्रैल 2023 तक उपरोक्त धनराशि जमा ना करने पर जिलाधिकारी द्वारा वसूली करवा ली जायेगी।
मिली जानकारी के मुताबिक अभी तक ‘ओला’ कैब कम्पनी ने सम्भागीय परिवहन कार्यालय में कोई भी धनराशि जमा नहीं की है। इस बाबत सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) सुधीर कुमार से जब जानकारी मांगी तो उन्होंने बताया कि ओला की टीम ने ‘बॉस’ से विगत दिनों एक वार्ता कर ली है और मौखिक रूप से मोहलत मांग ली है।
अब ऐसे सवाल यह उठता है कि क्या सहायक सम्भागीय परिवहन कार्यालय का निर्देश सिर्फ ‘कुछ’ के चक्कर में जारी किया गया है या सम्भागीय परिवहन कार्यालय के अधिकारी ‘ओला कैब कम्पनी’ के ठेंगे पर नाचते हैं ? अगर ऐसा नहीं तो जो निर्देश लिखित में जारी किया गया है उसमें मौखिक का खेल क्यों खेला जा रहा है ? नियत अवधि गुजरने के बावजूद धनराशि की वसूली हेतु टैक्सियों से बकाया सम्बन्धित विवरण जिलाधिकारी कानपुर नगर को क्यों नहीं उपलब्ध करवाया गया ?