प्रयागराज

ग़ैर की अच्छाइयां जिनको नज़र आती नहीं!वह कभी करते नहीं अपनी कमी का तज़केरा!!!

ग़ैर की अच्छाइयां जिनको नज़र आती नहीं!वह कभी करते नहीं अपनी कमी का तज़केरा!!!

बख्शी बाज़ार मस्जिद क़ाज़ी साहब में जश्ने शाहे खुरासां की महफिल में शायरों ने हज़रत इमाम अली रज़ा की यौमे विलादत पर एक से बढ़ कर एक अशआर से महफिल को गुलज़ार बनाया।अराकीन बज़्मे कलीम के बैनर तले सजाई गई महफिल का आग़ाज़ मौलाना मोहम्मद ताहिर की तक़रीर से हुआ।ज़मीर इलाहाबादी के संचालन में शायर ज़की अहसन ने पढ़ा।रक्खे जो क़दम क़ुम में रहमत की घटा छाई! क्यूं हो न खेज़ां रुखसत नूरानी बहार आई!!वहीं इतरत नक़वी ने अपने तास्सुरात का इज़हार करते हुए पढ़ा।ऐ शहन्शाहे खुरासां तेरी हिकमत को सलाम!हो रहा है इस सदी में उस सदी का तज़केरा!! हाशिम बांदवी ने पढ़ा।जिनकी अज़मत को फ़रिश्ते रात दिन सजदा करें!कर नहीं सकता मैं उनकी बन्दगी का तज़केरा!!शायर हसनैन मुस्तफाबादी ने कुछ इस अंदाज में पढ़ा।ग़ैर की अच्छाइयां जिनको नज़र आती नहीं!वह नहीं करते कभी अपनी कमीं का तज़केरा!!ज़मीर इलाहाबादी ने पढ़ा।कितना है मद्दाए अहलेबैत का रौशन ज़मीर!करता है अब तक वह मशहद के अली का तज़केरा!!वहीं शायर नज़ीरुल हसन करारवी ,इरफान लखनवी ,हम्माद रिज़वी ,ईशान कोरालवी ,जलाल सिरसिवी ,जावेद दुलहीपुरी आदि ने भी इमाम रज़ा की यौमे विलादत के जश्न की महफिल में शायराना महफिल में अपने अशआरों से वाह वाही बटोरी।महफिल के आयोजक खुशनूद रज़ा रिज़वी ने शायरों को तोहफा भेंट करते हुए शुक्रिया अदा किया।मौलाना सैय्यद रज़ी हैदर ,मौलाना अम्मार ज़ैदी , मौलाना आमिरुर रिज़वी , मौलाना अफ़ज़ल अब्बास ,मौलाना कल्बे अब्बास ,मौलाना रज़ा अब्बास ज़ैदी खुसूसी तौर पर महफिल में उपस्थित होकर शायरों की हौसला अफजाई करते रहे।वक़ार हुसैन रिज़वी ,रज़ा इस्माईल सफवी ,फरमान रज़ा ,ज़ुलक़रनैन आब्दी ,जावेद रिज़वी करारवी ,औसाफ हैदर ,जलाल हैदर ,माजिद हुसैन ,बिलाल हैदर , सिब्ते रिज़वी ,आफताब रिज़वी ,सैय्यद मोहम्मद अस्करी ,शादाब ज़मन ,अस्करी अब्बास ,आसिफ रिज़वी ,ज़ामिन हसन ,अनवर मुस्तफा ,आमिर आब्दी ,अली रज़ा रिज़वी ,शमीर ज़मन ,शयान ज़मन आदि शामिल रहे