प्रयागराज

तरांव मंडी, के पास के सड़क की हालत,जानलेवा, जैसे जीव जंतुओं का कंहर, प्रकाश तक नहीं

तरांव मंडी, के पास के सड़क की हालत,जानलेवा, जैसे जीव जंतुओं का कंहर, प्रकाश तक नहीं

(लेड़ियारी)कोरांव प्रयागराज, जनपद,के कोरांव तहसील ,तरांव गल्ला मंडी के पास,आने जाने की सड़क,जहां पर कीचड़ से पटी है।तथा वहां उतना ही ज्यादा,रास्ते में , जंगल झाड़ी,घास मे ,छिपे हुए जीव जंतु के द्वारा,इस बरसात के मौसम में सबसे बड़ा डर भय बना हुआ है।संकल्प संदेश प्रतिनिधि के भ्रमण के, तहत देखने को मिला।जहां पर,क्षेत्रीय अन्नदाताओं की,गल्ला मंडी तरांव कही जाती है।जबकि उक्त रास्ता ,कस्बा कोराव ,तथा तरांव का बॉर्डर,पर अंकित नहर का,वह रास्ता है।जिससे ग्रामीण,अपने घर को जाते हैं,प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्रामीणों का कहना है कि,रास्ते के बारे में कई बार,नगर पंचायत कार्यालय कोराव में भी दिया गया है।लेकिनब्लॉक कोरांव से महज 1 किलोमीटर की दूरी पर है,जहां पर मंडी का रास्ता खराब हो चुका है।तथा शासन प्रशासन के द्वारा भी सबसे महत्वपूर्ण को नजर अंदाज किया जा रहा है।आखिरकार ऐसी सड़क ,जहां पर लोगों का ,देर रात तक लोगों का आना-जाना लगा रहता है।जबकि ग्रामीणों का मानना है।नहर की माइनर पड़कर लोग अपने गंतव्य गांव सेमरिहा भी चले जाते हैं ,नहर पर जंगल झाड़ी घास इत्यादि से पटा हुआ है।जबकि शासन प्रशासन भी,रास्ता बिजली पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के संबंध में जानती है।लेकिन उनका ध्यान इस ओर कब होगा,क्या लोगों को इस सरकार के द्वारा भी रास्ता,नसीब नहीं होगा।लेकिनग्रामीण क्षेत्रों मेंहकीकत कुछ और है। लोगों को कीचड़ युक्त सड़क पर भी चलना पड़ता है ।चाहे वह गर्मी का चिलचिलाती धूप हो,चाहे इस बरसात का अंधेरा महीना हो,चाहे घनघोर कड़केे की ठंड पड़ती रहे।पर लोगों को इस रास्ते से घर अपने-अपने जाना ही है।कहानी कहि,कहि तो तो सर्प ,बिच्छू, से भी ज्यादा खतरनाक गोंहटी देखा गया है ।जिस से लोगों में ,शाम होने से पहले अपने घर भाग जाना रहता है।शायद वह कहीं रास्ते में ना मिले।और , कोई अप्रिय घटना घट जाए,तथा ग्रामीणों का कहना है कि सरकार इस रास्ते को तो प्राथमिकता के आधार पर ध्यान देना चाहिए।
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