प्रयागराज

पेड़ वृक्ष की छांव में, बैठे हैं अपने गांव में, हरे भरे वृक्षों का लगा दरबार

पेड़ वृक्ष की छांव में, बैठे हैं अपने गांव में, हरे भरे वृक्षों का लगा दरबार

प्रयागराज सह संपादक दुर्गा मिश्रा की रिपोर्ट

यमुनापार कार्यालय कोरांव के विकासखंड कोरांव के अंतर्गत स्थित गांव किहुनी कला मे इस ,बगीचे का दृश्य देखने में बड़ा ही खूबसूरत सजा हरियाली देखने को मिल रही है। वास्तव में फलदार वृक्षों की हरियाली मे शामिल आम, जामुन, सबसे ऊर्जावान वृक्ष पीपल, तथा महुआ जैसे कई फलदार वृक्ष की हरियाली दिख रही है। उसी तरह पौधों के द्वारा नई पत्तियां की हरियाली सबसे लोकप्रिय मनमोहक रूप से देखने को कहीं-कहीं हरियाली का नजारा देखने को मिलता है। ऐसे बाग को हरा भरा बनाने में इंसान अपने पूरे जीवन बाग बगीचा का जिम्मेदार व्यक्ति ही बनाता है। आज हम घर में आम का अचार खाते हैं, तथा जामुन भी अपने समय पर दस्तक देती हैं। वहीं पर महुआ से प्राप्त होने वाले तेल जटिल समस्याओं में कार्य करता है, लोग उसको पका कर खाने में बड़ा ही खूबसूरत स्वाद लेते हैं ।तथा तथा इसी तरीके से हर पौधों से निकले नए पत्ते एक नए नजारे से देखने को मिलते हैं। इस तरीके से जब हम कहीं पर बैठ जाते हैं, बगीचे के सौंदर्य इन नए पत्ते के द्वारा देखी जाती है तथा इंसान जब अपने गांव की राहों में बाग बगीचा में बैठता है तो ऐसी छाया ऐसी हरियाली का एहसास करता है किसान का जीवन संघर्ष अपने ही गांव के बाग की छांव में बैठ कर देखते हैं। जैसे प्रकृति के द्वारा पिछली बरसात से गांव के खेतों में हर भरा चारा दिखाई दे रहा है। गांव में आवारा जानवर भी अपना हरे भरे चारे से भरण-पोषण करते दिखते नजर आते हैं। तथा किसान इस महीने के बाद पुनः अगली खेती की ओर ध्यान देता है, तो फिर उसी बाग की हरियाली बरसात में देखने को कुछ और ही तरीके से मिलती है।
(पेड़ वृक्ष की छांव में बैठे हैं हम गांव में)