प्रयागराज

फ*घर में सोते समय कुल्हाड़ी से हमला के मामले में अपराधी गिरफ्त से बाहर*

फ*घर में सोते समय कुल्हाड़ी से हमला के मामले में अपराधी गिरफ्त से बाहर*
यमुनापार कार्यालय कोरांव प्रयागराज, के अंतर्गत खीरी थाना क्षेत्र के लेडियारी चौकी से संबंधित गांव धोबहट के चैलारी मजरे मे , धारदार कुल्हाड़ी से हमला करके हमलावर फरार । दिनांक 14. 6 .2023 को तकरीबन 3:00 बजे भोर में धर्मशिला पाल तथा बेटी प्रीति और बेटा मनीष इस भीषण गर्मी के कारण मकान के पिछले हिस्से में सो रहे थे। शातिर अपराधी घर के पीछे से पूरी भाग से घर के अंदर घुस कर धारदार कुल्हाड़ी से हमला कर दिया ।जिसमें आशा बहू को सर में गंभीर चोटें आई हैं। तथा बेटी प्रीति पाल के गले में हमलावर द्वारा गले पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया, प्राप्त जानकारी के अनुसार उसी गांव के पूर्व कोटेदार सुरेश बिंद के ऊपर आशा बहू ने थाना दिवस में जान माल की रक्षा हेतु प्रार्थना पत्र दिया था ।लेकिन पुलिस की लापरवाही सामने आ गई, यदि मामले को पुलिस ने गंभीरता से लिया होता तो, आज यह घटना न घटती बुधवार के दिन 3:00 बजे भोर में अपराधी घर में घुसकर मां और बेटी पर कातिलाना हमला किया और फरार हो गया ,जब आशा बहू धर्मशिला पाल को होश आया ,तब उन्होंने 112 नंबर पुलिस को डायल करके सूचना दिया ।सूचना मिलने के बाद मौके पर 112 नंबर पुलिस की गाड़ी तथा एंबुलेंस और पुलिस भी मौके पर पहुंच गई । तथा मां और बेटी को उपचार हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोरांव ले जाया गया ।जहां पर गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने स्वरूप रानी हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया गया, तथा उसके बाद धर्मशिला के पिता रामधनी पाल कोरांव तहसील के गाढ़ा के खेतर पलिया को भी जानकारी हुई उन्होंने पहुंचकर पुलिस को लिखित शिकायत में पूर्वक कोटेदार सुरेश बिंद के नाम लिखित तहरीर दिया गया। जिसमें पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जहां पर धर्मशिला के द्वारा पूर्व में संपूर्ण स्थिति और परिस्थिति को देखते हुए अपने जान माल की सूचना के लिए पुलिस को भी लिखित तहरीर दे दिया था। लेकिन ग्रामीणों का कहना है की पुलिस को तहरीर ससुराल पक्ष के लोगों ने थाना खीरी में दिया ,पर उनकी एक भी नहीं सुनी गई। पुलिस तो सिर्फ धर्मशिला के पिता के तहरीर पर आईपीसी की धारा 307 का मुकदमा ही लिखा, जिससे परिवार के लोगों में आक्रोश व्याप्त है। समाचार लिखे जाने तक अपराधी फरार रहा पुलिस को खाली हाथ आना पड़ा।