भाजपा नेताओं के साथ सपाई उठा रहे सत्ता का लाभ जमीनी कार्यकर्ताओं की अनदेखी भाजपा के निष्ठावान कार्यकर्ताओं के पास नहीं है ऐसों आराम की सुविधा

प्रयागराज! भाजपा शीर्ष नेतृत्व भले ही निष्ठावान कार्यकर्ताओं के बूते केन्द्र और प्रदेश की सत्ता पर काबिज हो लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है! करीब सात सालों से प्रदेश की सत्ता पर काबिज भाजपा के मंत्री विधायक सरकार बनते ही पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर सपाईयों को करीबी मानकर पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं की उपेक्षा से असंतोष पनप रहा है! भाजपा नेतत्व को इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि हाल ही में हुएं नगर निगम चुनाव में महापौर की सीट भले ही भाजपा की झोली में गयी हो किन्तु पार्षद का चुनाव भाजपा को हार का मुह देखना पडा है यदि महापौर चुनाव में भी उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य प्रयागराज में डटे रहकर चुनाव जीताने में अहम भूमिका न निभाई होतें तो शिकस्त मिलने की संभावना बढ़ जा सकती थी! महापौर चुनाव में जिस तरह से उपमुख्यमंत्री ने अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ रखें थे यदि उपमुख्यमंत्री जैसे दिग्गज नेता की ड्यूटी प्रयागराज में ही रहेगी तो निष्ठावान कार्यकर्ता पुरी ताकत से क्षेत्र में डटेगे! सूत्रों की माने तो भाजपा के विधायक सासंद सपाईयों को तरजीह देते रहे तो चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है! सूत्रों की माने तो पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता की उपेक्षा होती रही तो लोकसभा चुनाव में भितरघात संभावना बढ़ सकती है!