माघ मेला : 10 वर्ष से 465 संस्थाओं की दर्ज नहीं हुई वरासत मामले को लेकर मेला प्रशासन के अफसर गंभीर नहीं माघ मेला, कुंभ मेला के दौरान जमीन – सुविधा को लेकर होता है बवाल

माघ मेला : 10 वर्ष से 465 संस्थाओं की दर्ज नहीं हुई वरासत
मामले को लेकर मेला प्रशासन के अफसर गंभीर नहीं
माघ मेला, कुंभ मेला के दौरान जमीन – सुविधा को लेकर होता है बवाल
प्रयागराज । माघ मेला और कुंभ मेला के दौरान 465 संस्थाओं की वरासत 10 वर्ष से दर्ज नहीं हो रही है। इससे परेशान संस्था के लोग माघ मेला कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। माघ मेला के प्रभारी अधिकारी दयानन्द प्रसाद का कहना है कि वरासत के जो भी मामले लंबित हैं उसको शीघ्र दर्ज किया जाएगा।
माघ मेला के दौरान करीब चार हजार और कुंभ मेला के दौरान आठ हजार से अधिक संस्थाओं का शिविर मेला क्षेत्र में लगता है । इन संस्थाओं के शिविर में माघ मेला और कुंभ मेला के दौरान अपने शिविर में कथा, प्रवचन, सत्संग, हवन, रासलीला, विशाल अन्नक्षेत्र और सामाजिक जागरूकता के कार्यक्रम माहभर होते है। इन संस्थाओं के 465 लोगों का निधन / ब्रह्मलीन हो गये है। संस्था का वरासत दर्ज कराने के लिए सभी प्रपत्र माघ मेला कार्यालय में कई वर्ष से जमा
है लेकिन मेला प्रशासन के अफसरों की लापरवाही से संस्थाओं के वरासत अभी तक दर्ज नहीं हुए है जिससे संस्था के लोग परेशान हैं और मेला कार्यालय का दिन – रात चक्कर लगा रहे हैं।
माघ मेला कार्यालय में ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी माधवदास महराज, ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी कपिल देव नागा, महामंडलेश्वर स्वामी बुलट दास महराज चित्रकूट सहित अन्य प्रमुख संस्था के वरासत दर्ज होना है लेकिन माघ मेला के अफसरों की लापरवाही से वरासत दर्ज नहीं हो रही है जिससे कि आये दिन विवाद की स्थिति बनी रहती है।
महाकुंभ 2024 – 2025 के मेलाधिकारी विजय किरन आनंद का कहना है कि वरासत सहित अन्य समस्याओं का शीध्र निस्तारण। उन्होंने बताया कि महाकुंभ की सभी जानकारियां, जमीन आवंटन, सुविधा पर्ची, सभी सेक्टरों की संस्थाओं का पूरा विवरण और मूलभूत सुविधाओं का विवरण आनलाइन रहेगा जिससे कि लोगों को परेशानी न होने पाये।