प्रयागराज

विकासखंड कोराव के मुख्यालय पर, तीन दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन, सफाई व्यवस्था पर, गांव की हकीकत कुछ और बयां करती है

प्रयागराज आवाम न्यूज़ एक्सप्रेस दुर्गा मिश्रा की रिपोर्ट

कोरावं प्रयागराज,के अंतर्गत विकास खंड कोराव,के मुख्यालय पर ,तीन दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन किया गया।प्राप्त जानकारी के अनुसार , आयोजन में उपस्थित समस्त अधिकारी गण ,तथा क्षेत्रीय विधायक,तथा बाल विकास परियोजना के अंतर्गत समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ती,तथा स्वास्थ्य विभाग के समस्त गांव की आशा बहुएं,व ग्राम पंचायत के समस्त सम्मानित प्रधान गण।चिंतन शिविर के तीसरे दिन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता,तथा आशा बहू, गांव के,सम्मानित ग्राम प्रधान ,तथा क्षेत्र से आए हुए ,संभ्रांत नागरिक गण भी इस कार्यक्रम ,को देखने के लिए उपस्थित हुए । लेकिन, इस बरसात के मौसम में,गांव और गलियों में बहुत ही तेजी से जल जमाव के कारण जो संक्रमण फैल रहा है जिससे हर गांव, में मलेरिया डेंगू चिकनगुनिया आदि जैसी बीमारियां जन्म ले रही हैं।वहीं पर चिंतन शिविर में सरकार के ,आदेश निर्देश के क्रम में17 सितंबर से लेकर,2 अक्टूबर तक ,स्वच्छता पखवाड़ा का कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है हमारे क्षेत्र पंचायत के खंड विकासअधिकारी धीरेंद्र सिंह यादव,सहित संबंधित अधिकारीयों के द्वारा ,साफ सफाई पर विशेष,ध्यान देने की बात ,कही गई,लेकिन गांव की सच्चाई तो कुछ और ही बयां करती है।जहां गांव की स्थिति यह है कि, बरसात के मौसम में नाली से दुर्गंध आ रही है।पता नहीं कितने हैंड पाइप खराब पड़े हुए हैं।जहां पर ग्राम वासियों को स्वच्छ जल की स्थिति,पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं,स्वच्छ पानी भी नसीब नहीं हो पा रहा है।चाहे जो भी गांव हो यदि स्थलीय निरीक्षण किया जाए तो,नालियों की बजनालियों की बज बजाहट से बदबू दुर्गंध आ रही है। सड़कों पर कूड़ा का अंबार लगा हुआ है। तथा विकासखंड के अंतर्गत समस्त ग्राम पंचायत में सफाई कर्मी भी नियुक्त किए गए हैं।लेकिन सफाई की व्यवस्था भी सब चौपट नजर आ रही है,सफाई कर्मी काम करना नहीं करना चाहते हैं,और उनका भुगतान सुविधा शुल्क के माध्यम से कर दिया जाता है।गांव का सबसे प्रमुख महत्वपूर्ण स्थल ग्राम पंचायत सचिवालय है।जहां पर बड़ी-बड़ी घास उगी हुई है।सफाई तो बहुत दूर की बात है, ग्रामीणों का आरोप है कि, ग्राम सचिवालय में ग्राम पंचायत अधिकारी कभी दर्शन ही नहीं दिया करते हैं।तथा ग्राम पंचायत में बना शौचालय भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं।कौन करें उनकी देखभाल सफाई व्यवस्था,
बड़ी-बड़ी गोष्टी, तथा जब भी कहीं आम सभाएं होती हैं तो, चाहे अधिकारी हों, या फिर राजनेता स्वच्छता स्वच्छता हवाला देकर , पल्ला झाड़ लेते हैं। लेकिन शासन की मंसा पर पानी फिर जाता है। आज भी ए टू जे किसी भी गांव में चले जाइए, तो शायद पता चलेगा कि कितने ऐसे ऐसे मजलूम व्यक्ति हैं, जिनको आज तक राशन कार्ड भी नहीं बना है। सरकार चाहे रास्ता, बिजली, पानी, तथा तमाम योजनाओं का व्यवस्था बताएं, लेकिन आज भी 24 घंटा बिजली की जगह पर महज 8 से 10 घंटे तक बिजली देकर इतिश्री कर देते हैं। चिंतन शिविर के इस कार्यक्रम में,लगभग 10लाख , के ऊपर ही सरकार का खर्च हुआ होगा लेकिन वहां पर उपस्थित, आंगनवाड़ी ,आशा, ग्राम प्रधान, को जलपान के लिए भी तरसना पड़ा। कार्यक्रम समापन के बाद उपस्थित लोगों को तीन-तीन पुस्तक वितरण कर दिया जिसमें सरकार की सारी उपलब्धियां दर्शाई गई हैं। लेकिन साहब गांव की स्थिति को एक बार भ्रमण करके तो देखें, जहां पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के द्वारा, आज तक ,एक भी बिलचिंग पाउडर नहीं उपलब्ध हो पाया है गांव के लिए। इस बरसात के मौसम में भयानक मच्छरों के प्रकोप से जीना दुश्वार हो गया है। जहां पर मच्छरों के छिड़काव की दवा आज तक गांव तक नहीं पहुंच पाई है। तथा अधिकारी एंटी लार्वा की दवा के छिड़काव के बारे में बोलते हैं। क्षेत्र के किसानों का कहना है कि ,आज तक खेत में नहर का पानी तक देखने को नहीं मिला ,खेती का समय समाप्त हो गया ,तथा पानी आज दिया जा रहा है। कितने अन्नदाताओं के घर ,खाने का अनाज,का निवाला भी, नही है, किसी तरीके से वह अपना जीवन यापन कर रहे हैं। आज की महंगाई से जनता लाचार हो गई है। शायद घर से बच्चे विद्यालय पढ़ने हेतु जाते हैं, उनके साथ कौन-कौन सी घटनाएं होती चली जा रही हैं या रास्ते में हो जाएगी सरकार से जिनकी सुरक्षा व्यवस्था भी दुर्लभ होती चली जा रही है। संकल्प संदेश प्रतिनिधि भूपेंद्र कुमार के स्थानीय भ्रमण पर ऐसी स्थिति और परिस्थितियों भी देखने को मिल रही हैं। शाम होने से पहले व्यक्ति यदि अपने गंतव्य स्थान तक पहुंच जाता है,तो ठीक है, यदि कहीं देर हो जाती है तो। उसके साथ कुछ न कुछ अनहोनी हो ही जाती है।सुरक्षा व्यवस्था का भी खराब हाल है। इसलिए देहातों और गांव में एक कहावत है कि सावधानी हटी की दुर्घटना घटी