प्रयागराज

शिवालयों में श्रद्धालुओं की बढ़ती जा रही है भीड़

शिवालयों में श्रद्धालुओं की बढ़ती जा रही है भीड़

कोरांव प्रयागराज प्राप्त जानकारी के अनुसार इन दिनों कोरांव क्षेत्र के समस्त शिवालयों में श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ती जा रही है भीड़ प्रातः काल से ही श्रद्धालु गण भूत भावन देवाधिदेव महादेव को जलाभिषेक कर हर-हर महादेव के जयकारे के साथ रुद्राभिषेक जप तप कर रहे हैं पूजन सामग्री में मदार दूध ग्घी दही मधु बिल्लो पत्र शमी पत्र के साथ महादेव का जलाभिषेक कर पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं स्थानीय नगर पंचायत के आकाश केसरी अक्कू यहां रुद्राभिषेक एकादश ने पाठ का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ों भक्तों ने एक साथ प्रसाद ग्रहण कियासावन का महीना बहुत खास है, क्योंकि इस बार अधिक मास की वजह से सावन करीब दो महीने का है, जिसके चलते इस बार 4 एकादशी और चार प्रदोष व्रत हैं। वैसे तो हर माह में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है, लेकिन सावन में आने वाले प्रदोष व्रत का महत्व विशेष माना जाता है। कहते है जो इस व्रत को रखता है और भगवान शिव माता पार्वती की पूजा अर्चना करता है उसे शुभ फलों की प्राप्ति होती है। मान्यता है इस दिन शिव पूजा करने वालों के रोग, दोष, दुख समाप्त हो जाते हैं।

एक साथ बनेंगे 3 शुभ संयोग, व्रत रखने से होती है मुराद पूरी
पंचांग के अनुसार, अधिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 30 जुलाई 2023 को है, ऐसे में अधिक मास का पहला और सावन का दूसरा प्रदोष व्रत 30 जुलाई को ही रखा जाएगा। सावन अधिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 30 जुलाई 2023 को सुबह 10 बजकर 34 मिनट पर हो रही है। इसका समापन 31 जुलाई 2023 सोमवार को सुबह 07 बजकर 26 मिनट पर होगा।
इस दिन रविवार होने से ये रवि प्रदोष व्रत कहलाएगा।वही इस व्रत के दौरान इन्द्र और सर्वार्थ सिद्धि योग भी पड़ रहा है, जो विशेष फलदायी है।
प्रदोष व्रत शिव को अति प्रिय है, इस दिन शाम के समय भोलेनाथ कैलाश पर प्रसन्न मुद्रा में नृत्यु करते है।मान्यता है इस समय जो शिव की उपासना करता है उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती है।
इस व्रत की पूजा संध्या में 7 बजे से 9 बजे तक की जाएगी, जो भी भक्त दही में शहद डालकर शिव को चढ़ाएंगे, उन्हें मन वांछित फल की प्राप्ति होगी।
यह दिन भगवान शिव को अति प्रिय होता है, इसलिए जो कोई भी विवाहित महिला इस दिन व्रत रखेगी और सच्चे मन से भगवान की उपासना करेगी और रुद्राभिषेक करेगी, उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ती होगी ।
इस व्रत के प्रभाव से कुंडली में नवग्रह की स्थिति मजबूत होती है और हर संकट से निजात मिलती है। रवि प्रदोष का नियम पूर्वक व्रत रखने और पूजा अर्चना करने से जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं और धन व समृद्धि बनी रहती है।