श्रीमद् भागवत कथा सुनने से परीक्षित को मिला था मोक्ष

प्रयागराज सह संपादक दुर्गा मिश्रा की रिपोर्ट
कोरांव प्रयागराज तहसील क्षेत्र कोरांव के सेमरी बाघराय गांव में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचक ने नारद संवाद परीक्षित को श्राप की कथा विस्तार से सुनाई कथा वाचक प्रभात मिश्र महाराज ने बताया कि राजा परीक्षित जंगल में प्यास से व्याकुल होकर समीर ऋषि के आश्रम में पहुंचे और पानी मांगा ऋषि के समाधि में होने के कारण पानी नहीं मिला जिस पर राजा परीक्षित अपने को अपमानित महसूस करते हुए उनके गले में मरा सर्प डाल दिया उसी पुत्र ने यह देखकर राजा परीक्षित को श्राप दे दिया राजा परीक्षित को सुखदेव जी ने गंगा के किनारे श्रीमद् भागवत कथा सुनाई जिससे राजा परीक्षित को मोक्ष प्राप्त हुआ कथावाचक ने बताया कि हिरण्याक्ष के आतंक से देवताओं को मुक्ति दिलाने के लिए भगवान श्री हरि विष्णु ने वाराह का अवतार लिया था और मनु शतरूपा की उत्पत्ति का भी विस्तार से वर्णन किया भाववाचक ने बताया कि श्रीमद्भागवत महापुराण सभी ग्रंथों का सार है इसकी कथा सुनना और सुनाना दोनों ही मुक्ति दायिनी है कथा सुनने का फल सभी पुण्य और तपस्या और सभी तीर्थों की यात्रा से बढ़कर है आचार्य पंकज शुक्ला राकेश शुक्ला मुख्य यजमान आजाद बहादुर सिंह संदीप सिंह धीरेंद्र प्रताप सिंह वीरेंद्र प्रताप सिंह आदि लोग रहे