
सावन मास में हर जगह शिव भक्ति
प्राचीन सोमनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं का लगा रहता है तांता
कोरांव प्रयागराज सावन मास देवाधीदेव महादेव के लिए रुद्राभिषेक जप ब्रत तप कर्म करने के लिए है और यह महीना भगवान शिव का पवित्र माह भगवान शिव इसलिये देवों के देव महादेव हैं क्योंकि उन्होंने काम को भस्म किया है। अधिकतर देव काम के आधीन हैं पर भगवान शिव राम के आधीन हैं। उनके जीवन में वासना नहीं उपासना है। शिव पूर्ण काम हैं, तृप्त काम हैं।काम माने वासना ही नहीं अपितु कामना भी है, लेकिन शंकर जी ने तो हर प्रकार के काम, इच्छाओं को नष्ट कर दिया। शिवजी को कोई लोभ नहीं, बस राम दर्शन का, राम कथा सुनने का लोभ और राम नाम जपने का लोभ ही उन्हें लगा रहता है भगवान शिव बहिर्मुखी नहीं अंतर्मुखी रहते हैं। अंतर्मुखी रहने वाला साधक ही शांत, प्रसन्नचित्त, परमार्थी ,सम्मान की इच्छा से मुक्त, क्षमावान और लोक मंगल के शिव संकल्पों को पूर्ण करने की सामर्थ्य रखता है। समाजवादी पार्टी युवजन सभा के निवर्तमान राष्ट्रीय सचिव प्रमोद मिश्र पयासी देवाधिदेव महादेव के अनन्य भक्त हैं बेलन नदी के तलहटी पर स्थित प्राचीन सोमनाथ मंदिर के नियमित दर्शन पूजन के लिए जाते हैं और प्रसाद वितरण भी करते हैं